How to Apply for Birth Certificate Online - जन्म प्रमाण पत्र कैसे बनवाये
बर्थ सर्टिफिकेट से संबंधित कई सवाल आपके मन में भी होंगे, लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं कि बर्थ सर्टिफिकेट होता क्या है।
बर्थ सर्टिफिकेट क्या होता है? | Birth Certificate Kya Hota Hai
बर्थ सर्टिफिकेट प्रत्येक शिशु का पहला कानूनी दस्तावेज होता है। इसमें शिशु का नाम उसके माता-पिता के नाम के साथ दर्ज किया जाता है। बर्थ सर्टिफिकेट में शिशु के पैदा होने की जन्म दिनांक, स्थान और लिंग के साथ अन्य कानूनी जानकारी अंकित की जाती है। यह दस्तावेज शिशु की पहचान के रूप में भी काम आता है। जन्म का पंजीकरण यानी बर्थ सर्टिफिकेट प्रत्येक बच्चे का अधिकार है और इससे समय पर बनाना शिशु के माता-पिता की जिम्मेदारी है।
क्या बर्थ सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है?
बर्थ सर्टिफिकेट बच्चे के भविष्य में हर जगह काम आता है। इसका न होना कई बार कानूनी कार्यों में बाधा बन जाता है। जन्म प्रमाण पत्र सबसे पहले बच्चे के स्कूल में (एडमिशन) प्रवेश के दौरान मांगा जाता है। इसलिए, बर्थ सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है।
जन्म प्रमाण पत्र क्यों महत्वपूर्ण है इसका उपयोग कहां कहां किया जाता है–
कॉलेज में प्रवेश के समय।अपनी पहचान स्थापित व साबित करने के लिए।
सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए।
बाल विवाह सहित दुर्व्यवहार और शोषण के मामलों से लड़ने के लिए।
रोजगार के लिए आयु प्रमाण पत्र के रूप में ।
पासपोर्ट आवेदन व पूर्ण रूप से बनवाने के लिए।
आप्रवासन (Immigration) – जैसे ग्रीन कार्ड के लिए।
विरासत और अपनी संपत्ति के दावों के लिए।
बर्थ सर्टिफिकेट कहां बनता है? | Birth Certificate Kaha Par Banta Hai
जन्म प्रमाण पत्र उन पंजीकरण केंद्रों व कार्यालयों से जारी किए जाते हैं, जहां बच्चे के जन्म के समय उसके माता-पिता रह रहे थे। मुख्य रूप से बर्थ सर्टिफिकेट इन जगहों से जारी होते हैं –नगर निगम
नगर पालिका
नगर पालिका परिषद
ग्राम पंचायत (गांव में)
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया | Birth Certificate Process In Hindi
जन्म प्रमाण पत्र आवेदन के लिए आपको पहले जन्म का पंजीकरण करना होगा। जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अनुसार, पंजीकरण के लिए निर्धारित फॉर्म भरकर जन्म के 21 दिन के भीतर स्थानीय अधिकारियों के पास जमा करना होता है। इसके बाद जन्म प्रमाण पत्र उस संबंधित अस्पताल के वास्तविक रिकॉर्ड के सत्यापन के बाद जारी किया जाता है। अगर जन्म के 21 दिन के अंदर आपने पंजीकरण नहीं करवाया है, तो पुलिस सत्यापन के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। रजिस्ट्रेशन के बाद ही जन्म प्रमाणपत्र बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। आप बर्थ सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीकों से बनवा सकते हैं।
ऑफलाइन कैसे अप्लाई करें?
आप जन्म प्रमाण पत्र ऑफलाइन भी हासिल कर सकते हैं। इससे संबंधित प्रक्रिया नीचे दी गई है।रजिस्ट्रार कार्यालय से जन्म पंजीकरण फॉर्म लें।
अगर बच्चा अस्पताल में पैदा हुआ है, तो चीफ मेडिकल ऑफिसर स्वयं ही इसका आपको फॉर्म दे देते हैं।
फॉर्म भरने के बाद बच्चे के जन्म से संबंधित अस्पताल द्वारा प्राप्त दस्तावेज के साथ इसे रजिस्ट्रार के पास जमा करवा दें।
इसके बाद आपके बच्चे का जन्म रिकॉर्ड (दिनांक, समय, जन्म स्थान, माता-पिता का नाम, नर्सिंग होम/अस्पताल) संबंधित सभी तथ्यों का सत्यापन रजिस्ट्रार द्वारा किया जाता है।
इसके बाद बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र आवेदक को जारी किया जाता है।
7 से 15 दिन तक आपके registered पते पर जन्म प्रमाणपत्र भेज दिया जाता है।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के सेक्शन 14 के तहत, बच्चे के नाम के बिना भी जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है।
अगर बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र) जन्म के 21 दिन के भीतर पंजीकृत नहीं होता है, तो राजस्व अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस बच्चे के जन्म और अन्य संबंधित तथ्यों का सत्यापन करेगी। आमतौर पर यह एक लंबी प्रक्रिया होती है, इसलिए शिशु के पैदा होते ही जन्म प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण करवा लेना चाहिए।
जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
डिजिटल इंडिया के इस दौर और समय के अभाव में जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनवाना काफी आसान हो गया है। बस इसके लिए आपके पास इंटरनेट और मोबाइल होना चाहिए। आइए जानते हैं जन्म पत्र ऑनलाइन कैसे प्राप्त हो सकता है।- सबसे पहले वेबसाइट Click पर जाएं।
- दाईं ओर आपको साइन-अप बटन दिखेगा।
- इस साइन अप बटन पर क्लिक करें जहां आपको रजिस्टर्ड होना है।
- साइनअप बॉक्स पर क्लिक करने के बाद एक नया विंडो दिखाई देगा।
- इसमें बॉक्स में मांगे गए विवरण भरें जैसे नाम, आईडी, जिला या शहर/गांव, मोबाइल नंबर, जन्म स्थान अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जो मांगी गई है।
- अब आपको सत्यापन कोड दर्ज करके रजिस्टर टैब पर क्लिक करें।
- पंजीकरण होने के बाद पुष्टि के लिए आपके द्वारा दी गई ईमेल आईडी में मेल आएगा।
- ईमेल इनबॉक्स पर आए मेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करके लॉगिन के लिए एक नया पासवर्ड सेट करें।
- पासवर्ड बनने के बाद फिर से उसी वेबसाइट पर जाएं और दोबारा से साइन इन करें।
- अब आपको बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया शुरू करनी है
- अब एक फॉर्म पॉप अप होगा।
- इसमें बच्चे, माता-पिता और स्थान के नाम को भरना होगा।
- इसका प्रिंट आउट भी निकाल लें और अपने कंप्यूटर पर एक सॉफ्ट कॉपी भी डाउनलोड कर लें।
- अब फॉर्म लेकर अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार कार्यालय(रजिस्ट्रार कार्यालय का पता आपको फॉर्म में नीचे दिया जाएगा) में जमा करवा दें।
- आवेदन पत्र जमा होने के बाद ई-मेल आईडी पर पुष्टि के लिए एक मेल आएगा।
- मेल के जरिये ही आवेदनकर्ता को जन्म प्रमाण पत्र के ऑनलाइन पंजीकरण से संबंधित सूचना मिलती रहेगी।
- जन्म प्रमाण पत्र की स्थिति आप साइन इन करने वाले पोर्टल के होम पेज से आवेदन संदर्भ संख्या (Application Reference Number) की मदद से भी जान सकते हैं।
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज | Birth Certificate Ke Liye Document
- आवेदन पत्र जो वेबसाइट पर सबमिट करने के बाद प्रिंट किया गया है
- बच्चे के जन्म का प्रमाण यानी हॉस्पिटल की रसीद (अगर बच्चा हॉस्पिटल में पैदा हुआ है)
- माता-पिता का पहचान पत्र (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, आधार कार्ड आदि)
- Address Proof- copy of any one of the self attested document (Voter id card, electricity/gas/water/ telephone bill, passport, valid ration card, aadhaar card, running bank account etc.)
- Declaration by parent(s) in prescribed proforma Download here
- शपथ पत्र (affidavit) आवश्यक है अगर बच्चे के जन्म के एक साल बाद पंजीकरण करवाया जा रहा हो तो
- बर्थ सर्टिफिकेट कब तक मिल जाता है।
जन्म प्रमाण पत्र कितने दिन में प्राप्त होता है
बर्थ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने के बाद आपको यह 7 से लेकर 21 दिन के बीच का समय लग सकता है।बर्थ सर्टिफिकेट बनने के बाद आप इसे ऑनलाइन डाउनलोड भी कर सकते हैं।
आप इसे नगर निगम के लोकल ऑफिस में जाकर भी ले सकते हैं।
जन्म प्रमाण पत्र बनाने क लिए कितना शुल्क लगता है
बर्थ सर्टिफिकेट का पंजीकरण अगर शिशु के पैदा होने के 21 दिन के अंदर किया जाता है, तो कोई शुल्क अदा नहीं करना होता है, लेकिन 21 दिन के बाद निम्नलिखित शुल्क आपको देने पड़ सकते हैं–
अगर 21 दिन से ज्यादा बीत जाते हैं, तो 2 रुपये बतौर विलंब शुल्क देने होते हैं जो एक सामान्य शुल्क है !
ध्यान रहें कि हर राज्य का विलंब शुल्क अलग-अलग हो सकता है।
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