Rajasthan College University Exam 2020 uniraj MLSU,MDSU,MGSU,JNVU, Shekhwati Uni UOK


Rajasthan College University Exam 2020 uniraj MLSU,MDSU,MGSU,JNVU, Shekhwati Uni UOK 


सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा कराने और नहीं कराने के फैसले पर आज अपनी अंतिम मुहर लगा दी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो यूजीसी ने निर्णय लिया है वह बिल्कुल सही है और देश में 30 सितंबर तक परीक्षा हर हाल में होनी चाहिए परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी कि हमारी परीक्षा को रोना काल में नहीं होनी चाहिए और प्रमोट किया जाना चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा होनी चाहिए और प्रमोद इसका समाधान नहीं है इसलिए 30 सितंबर तक यूजीसी के निर्णय के अनुसार परीक्षा करवाएं

#Jaipur: मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 का बड़ा फैसला

तकनीकी शिक्षा व उच्च शिक्षा की परीक्षाओं को लेकर फैसला, सुप्रीम कोर्ट की अनुपालना में होंगी परीक्षाएं, सितंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू होंगी ऑनलाइन परीक्षाएं...




विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा के आयोजन पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला।
फाइनल ईयर एग्जाम की परीक्षा होगी। 30 सितंबर तक परीक्षा कराने के UGC के सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया। विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा के आयोजन पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला।
फाइनल ईयर एग्जाम की परीक्षा होगी। 30 सितंबर तक परीक्षा कराने के UGC के सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया। 3/
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों,अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में स्नातक,स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को 30 सितंबर तक करा लेने के यूजीसी के जारी निर्देशों को चुनौती देनी वाली याचिकाओं पर 18 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।4/
सुनवाई के दौरान यूजीसी ने कई राज्य सरकारों द्वारा अपने अपने राज्य की यूनिवर्सिटी की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने के फ़ैसले का विरोध किया था।






*गृह मंत्रालय ने केन्द्रीय उच्च शिक्षा सचिव को आज एक पत्र लिखकर विेश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा परीक्षाएँ आयोजित करने की अनुमति दे दी है।*

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जो राज्य 30 सितम्बर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी।

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्टूडेंट्स को प्रमोट करने के लिए राज्यों को एग्जाम अऩिवार्य रूप से कराने होंगे। कोर्ट ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य महामारी को ध्यान में रखते हुए परीक्षा स्थगित कर सकते हैं और यूजीसी के साथ सलाह मशविरा करके नई तिथियां तय कर सकते हैं।

- सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के खिलाफ याचिका खारिज की। कहा- यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक ही एग्जाम होंगे।









परीक्षा करवाने के ऑफिशियल आदेश को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें



यूजीसी ने छह जुलाई को देशभर के विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया था। उसने कहा था कि अगर परीक्षाएं नहीं हुईं तो छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। यूजीसी की इस गाइडलाइंस को देश भर के कई छात्रों और संगठनों ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी। याचिकाओं में कहा गया था कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षाएं करवाना छात्रों की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। यूजीसी को परीक्षाएं रद्द कर छात्रों के पिछले प्रदर्शन और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित करने चाहिए। शीर्ष न्यायालय में इस विषय को लेकर याचिका दायर करने वालों में युवा सेना भी शामिल है जो शिवसेना की युवा शाखा है। उसने महामारी के दौरान परीक्षाएं कराये जाने के यूजीसी के निर्देश पर सवाल उठाया है। 


- दिल्ली, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों ने अंतिम वर्ष की परीक्षा सहित विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। हालांकि यूजीसी इस बात पर कायम है कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को आयोजित किए बिना स्नातक करने वाले छात्रों को डिग्री नहीं दी जा सकती।
    
- दिल्ली, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों ने अंतिम वर्ष की परीक्षा सहित विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। 

- यूजीसी इस बात पर कायम है कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को आयोजित किए बिना स्नातक करने वाले छात्रों को डिग्री नहीं दी जा सकती।

- यूजीसी और केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने आठ अगस्त को बताया कि राज्य सरकारें परीक्षाओं को रद्द नहीं कर सकती है। यह शक्ति यूजीसी के पास है।

UGC की तरफ से जारी हो सकता है नया कैलेंडर


वहीं रविवार को ही मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने UGC से अप्रैल में जारी किए गए शैक्षणिक कैलेंडर और दिशा-निर्देशों को “पुनर्विचार” करने के लिए कहा था. इसलिए यूजीसी की तरफ से अब परीक्षा के लिए एक नया शैक्षणिक कैलेंडर और संशोधित दिशानिर्देश जारी करने की उम्मीद है.


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बड़ा फैसला दिया है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने परीक्षा रद्द करने की सिफारिश करने से इनकार किया है सोमवार को हुई एक अहम बैठक में फैसला किया कि विश्वविद्यालयों कॉलेजों को सलाह दी जाती है कि वह परीक्षाएं रद्द नहीं करे कि परीक्षाएं अनिवार्य रूप से कराई जाए इसके साथ ही जिन परीक्षाओं को डाला गया है उन परीक्षाओं की तिथि सितंबर माह में घोषित की जाए वह परीक्षा भी सितंबर माह के अंत तक की जाए पास नहीं होने वाले विद्यार्थियों को एक बार दोबारा मौका दिया जाए वैकल्पिक कैलेंडर के अनुसार सितंबर अंत में परीक्षा कराई जा सकती है या सिर्फ सितंबर बाद में भी परीक्षा करवाई जा सकती है ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यम में से जो भी उचित हो वह विश्वविद्यालय अपने अनुसार परिचय करवा सकता है



यूजीसी के आदेश के अनुसार सभी विद्यार्थी परीक्षा के लिए तैयार रहे

*परीक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशानिर्देशों के अनुसार और विश्वविद्यालयों के लिए शैक्षणिक कैलेंडर तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार अंतिम सत्र (Final Term) की परीक्षाएँ आयोजित करना अनिवार्य है।*



इस साल राजस्थान की किसी भी कॉलेज और विश्वविद्यालय की परीक्षा नहीं होगी इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है अभी-अभी इस कानून प्रेस नोट जारी हो गया है
इस वर्ष स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थी बिना परीक्षा के प्रमोट होगे ⤵️


राजस्थान में जुलाई में होने वाली परीक्षाएं स्थगित करने का आदेश जारी हो चुके हैं जिन जिन कॉलेज और विश्वविद्यालय परीक्षा स्थगित की जा रही है उनका नोटिफिकेशन हमने नीचे दे रखा है आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं



मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय
इस वर्ष स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं नहीं होंगी

जयपुर, 4 जुलाई। राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर इस वर्ष प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं नहीं कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।

श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के परिदृश्य को देखते हुए इस वर्ष उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी तथा सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। प्रमोट होने वाले विद्यार्थियों के अंकों के निर्धारण के सम्बन्ध में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आगामी कुछ दिनों में जारी होने वाले दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर समुचित निर्णय लिया जाएगा।

बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, उच्च शिक्षा सचिव श्रीमती शुचि शर्मा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

*राजस्थान में किसी भी कॉलेज और विश्वविद्यालय की इस साल की परीक्षा नहीं होगी, सीधे अगली क्लास में प्रमोट किया जाएगा* ⬇️

👉 *BA,BSC,BCOM,MA,MSC,MCOM,BED,MED,BSTC व अन्य डिप्लोमा व डिग्री कोर्स सभी को प्रमोट किया गया*

👉 *मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जारी किया आदेश*

👆 *ऑफिशियल आदेश डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें, और अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर भी करें*







मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए आदेश को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें


Post a Comment

Previous Post Next Post
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now