Rajasthan Police Constable New Vacency 2020 New Constable Posts Created

 

Rajasthan Police Constable New Vacency 2020 New Constable Posts Created

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण 2020 21 मई नए थानों के लिए मंजूरी दी थी अब इनमें भर्ती के जरिए पुलिस की नियुक्ति की जाएगी जिसके लिए राजस्थान पुलिस के नए पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है काफी लंबे समय से कई पुलिस थानों में कई जगहों पर पुलिस विभाग के खाली पद्धति इसी को मद्देनजर रखते हुए नए पदों के सर्जन को मंजूरी दी है अशोक गहलोत ने बजट घोषणा 2020-21 के तहत पश्चिमी राजस्थान में औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के उद्देश्य से बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर एवं जैसलमेर जिलों के चिन्हित पुलिस थानों को 9 अतिरिक्त मोबाईल यूनिट्स के लिए 36 कांस्टेबल के पद सृजित किये जाने को मंजूरी दे दी है। इनमें से 16 पद पुलिस थाना नगाणा (बाड़मेर), 8 पद पुलिस थाना कोलायत (बीकानेर), 8 पद पुलिस थाना ढ़ढू (जोधपुर ग्रामीण) तथा 4 पद पुलिस थाना सांकड़ (जैसलमेर) में सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने गृह रक्षा विभाग में 4 नवीन अस्थाई पद सृजित करने को भी मंजूरी दी है। इनमें एक पद सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, एक कनिष्ठ विधि अधिकारी, एक कनिष्ठ सहायक एवं एक पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का होगा हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह नए पद वर्तमान में चल रही भर्ती के अंदर जोड़े जाएंगे या आने वाली नई भर्ती में राजस्थान पुलिस की नई भर्ती से संबंधित जो भी अपडेट आएगी वह हम आपको यहां पर सबसे पहले उपलब्ध करा देंगे।

अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में मुख्यमंत्री का संवेदनशील निर्णय

मूल विभाग में पद रिक्त नहीं होने पर नियुक्ति के लिए अब नहीं करना होगा इंतजार अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में मृत राज्य कर्मचारी के आश्रित को जल्द नियुक्ति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने एक संवेदनशील निर्णय किया है। उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति नियमों के उस प्रावधान को समाप्त करने के निर्देश दिए हैं जिसके कारण मृत कार्मिक के मूल विभाग में पद रिक्त नहीं होने पर उसके आश्रित के आवेदन को दो साल तक के लिए लंबित रखा जाता था और दो साल बाद भी पद रिक्त नहीं होता है तो किसी अन्य विभाग में नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की जाती थी।
इस नियम के कारण मृत राज्य कर्मचारी के आश्रित को नियुक्ति के लिए इंतजार करना पड़ता था, क्याेंकि जिस कार्मिक की मृत्यु के कारण वह नियुक्ति चाहता है उसके मूल विभाग में पद रिक्त नहीं है। श्री गहलोत ने अब इस प्रावधान को समाप्त करने के साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि मृत कार्मिक के मूल विभाग में नियुक्ति योग्य पद रिक्त नहीं होने की स्थिति में उसके आश्रित को जल्द नियुक्ति देने के लिए आवेदन पत्र कार्मिक विभाग को अग्रेषित किया जाए। कार्मिक विभाग आवेदक की पात्रता के आधार पर किसी अन्य विभाग में रिक्त पद पर जल्द नियुक्ति देने की कार्यवाही करेगा।
52 प्रकरणों में दी शिथिलता
मुख्यमंत्री ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत अनुकम्पा नियुक्ति के लिए देरी से आवेदन तथा आयु सीमा में छूट के 52 प्रकरणों में मृतक कार्मिक के आश्रितों को शिथिलता प्रदान की है। श्री गहलोत के इस संवेदनशील निर्णय से मृतक राज्य कर्मचारियों के परिवारों को सम्बल मिल सकेगा।

उल्लेखनीय है कि सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद आश्रित को 90 दिवस के भीतर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता है। इसके अतिरिक्त, आश्रित के नाबालिग होने की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर बालिग होने के 3 वर्ष के भीतर और अधिकतम 40 वर्ष की आयु तक आवेदन करने का प्रावधान है। 
श्री गहलोत ने 46 प्रकरणों में मृत्यु दिनांक से 90 दिन की अवधि निकल जाने तथा आयु सीमा के 6 प्रकरणों में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदनों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए आवेदकों को नियमों में शिथिलन प्रदान कर राहत दी है। विगत 22 महीनों में अनुकंपा नियुक्ति के 584 प्रकरणों में शिथिलन देकर नियुक्ति दी गई है।



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