Rajasthan new vacancy 2021 Notification Application Form
राज्य की 300 पंचायतों में पशु चिकित्सा उप केन्द्रों को मंजूरी पशुधन सहायक एवं जलधारी के 600 पदों के सृजन को स्वीकृति
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य की 300 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उप केन्द्र खोलने तथा इन केन्द्रों के लिए पशुधन सहायक एवं जलधारी के 300-300 पदों के सृजन की मंजूरी दी है। इस प्रकार श्री गहलोत ने प्रत्येक उप केन्द्र के लिए पशुधन सहायक तथा जलधारी के एक-एक पद के सृजन की मंजूरी दी है।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में मुख्यमंत्री ने आगामी 5 साल में राज्य में 1500 नए पशु चिकित्सा उप केन्द्र खोलने की घोषणा की थी। इसके दृष्टिगत वर्ष 2019-20 में 400 पंचायतों में तथा वर्ष 2020-21 में 200 पंचायतों में ये उप केन्द्र स्वीकृत किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से पशुपालकों को पंचायत स्तर तक पशुधन के उपचार की सुविधा मिल सकेगी।
प्रदेश में 48 नए न्यायालयों को मुख्यमंत्री की स्वीकृति विभिन्न कैडर के 550 पदों के सृजन की मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य में 48 नए न्यायालय खोलने तथा इनके लिए विभिन्न कैडर के 550 पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट, बजट पर बहस तथा वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान विभिन्न श्रेणी के न्यायालयों को खोलने की घोषणा की थी।
इसी क्रम में श्री गहलोत ने बीकानेर, अलवर, भीलवाड़ा एवं जोधपुर में वाणिज्यिक न्यायालय खोलने की मंजूरी दी है। उन्होंने जालौर, सिरोही, वैर, डूंगरगढ़, नैनवां, सरदारशहर, नसीराबाद, कठूमर, सादुलशहर, बेगूं, अनूपगढ़, नीम का थाना तथा गंगापुर सिटी में अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय की स्वीकृति दी है।
मुख्यमंत्री ने दौसा, गोगुन्दा, बालेसर, पीलीबंगा, रावतसर, थानागाजी, मुण्डावर, खाजूवाला, हिंडौली तथा छबड़ा में वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय, टोंक, चूरू, जैसलमेर, झुंझुनूं, श्रीमाधोपुर, सोजत, सुमेरपुर, निवाई, गंगापुर, नोखा, संगरिया, लक्ष्मणगढ़, लोहावट, बाप, भोपालगढ़, बीदासर, सैंपऊ एवं बसेड़ी में अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय तथा राजसमंद, पाली एवं अलवर में विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट (एनआई एक्ट प्रकरण) खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
श्री गहलोत ने इन न्यायालयों के लिए पीठासीन अधिकारी, सीनियर मुंसरिम, स्टेनोग्राफर, शेहरिश्तेदार, रीडर, लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदि के 550 पद स्वीकृत किए हैं। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से पक्षकारों को स्थानीय स्तर पर ही न्याय मिलने में आसानी होगी तथा न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को जल्द निपटाया जा सकेगा।
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